धड़कनों में फांसला, महसूस हो रहा है
हर सांस का ज्यूँ रास्ता, कुछ दूर हो रहा है
खुली आँखों में जो, पसरा है सन्नाटा
बंद आँखों से बस, दूर हो रहा है
सो गयी है रात, ना ये दिल सो रहा है
बस टिमटिमाते ये तारे, और चाँद खो रहा है
आधे की याद में, अधूरा हो रहा है
बेकरार बस आधा, पूरा हो रहा है
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