सपना एक निगाहों से ऐसा टकराया
निगाहों के रास्ते सीधा दिल में उतर आया
सपने में फिर ऐसा खोने लगा ये दिल
सपने में सपने संजोने लगा ये दिल
किनारे कर दिया हक़ीकत की हर बात को
हक़ीकत दिल मान बैठा सपने के उस सांथ को
आँख खुली कई बार सपना अधूरा हर बार पाया
पर बावरा मन सपना पूरा करने, फिर सोने की ज़िद पकड़ आया
जागते सोते सपने का संसार युहीं बनाता रहा
हर कोशिश के सांथ दिल सपने के और करीब जाता रहा
कोशिश यही थी कि सपना ये ना टूटने पाए
हक़ीकत के पन्नों पर अंकित हमेशा के लिए हो जाए
हक़ीकत ने आख़िरकार सोते हुए मन को झकझोर दिया
खुली आँखें ऎसी कि ना सो पायीं फिर, सपना जो अपना था हक़ीकत ने तोड़ दिया
टीस रह गयी दिल में सपने को पूरा ना कर पाने की
चाहत के इतना करीब आके फिर दूर हो जाने की
नहीं मिला वो सपना तो सोने की अब ख़्वाहिश ना रही
किसी दूसरे सपने की निगाहों में कोई गुंजाइश ना रही
Sunday, September 8, 2013
Tuesday, January 1, 2013
शुभकामनायें
कभी ख़ुशी कुछ पाने की, खोने के कभी कुछ ग़म हैं
धूप सा खिला कभी चेहरा, कभी आँखें बारिश सी नम हैं
कभी उबाल यादों का मन मे, धडकनें कभी दिल की थम हैं
कभी वक़्त बहता दरिया सा, पैर वक़्त के कभी जम हैं
पूरे होते कभी कुछ सपने, हकीकत भी ख़्वाब कभी बन जाती है
ज़िन्दगी चलती है बस युहीं चलती जाती है
नयी आशाओं, नये सपनों का फिर होना आगाज़ है
उमंगें हैं दिलों मे, स्वागत कर रहा हर दिल नये साल का आज है
ख़ुशी के सारे रंग सभी के करीब हों
आशा ये अंकित है, सभी को अपनी चाहतें नसीब हों
नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनायें..
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