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Thursday, January 14, 2010

हँसी हँसी में



यादों के वो मंज़र बनाते चले गए 

हर लफ्ज़ में ख़ुशी को सजाते चले गए..
कुछ बात है.. कुछ ख़ास है.. हर बात में उनकी
हर बात वो हँसी में उड़ाते चले गए..

मासूमियत भरा वो निश्छल सा वो चेहरा
दिल को ही जो छू ले हर अंदाज़ वो गहरा ..
तारीफ़ का हर पुल मेरा ढाते चले गए
हर बात वो..

लगता कभी हँसी वो अधूरी सी है शायद
मन में कहीं..दिल में कहीं..कुछ टीस है शायद..
हर गम को ख़ुशी से वो दबाते चले गए
हर बात वो..

हर ख़ुशी हो खुशनसीब तेरा सांथ पाने से
हर गम का टूटे दम तेरा ख्याल आने से..
दिल में दुआओं के बादल युहीं छाते चले गए
हर बात वो..

सादी बड़ी..सच्ची बड़ी..हर बात है उनकी
मिलती बड़ी मुश्किल से मुलाकात है उनकी..
मुलाकात हर वो ख़ास बनाते चले गए
हर बात वो..

खुश है कोई हमसे जो मिला दोस्त ये प्यारा
छूटे नहीं ये दोस्ती..ये दोस्त हमारा..
अंकित हर एक याद कराते चले गए..
हर बात वो..

दोस्त..हमेशा..
अंकित
 

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